Ayurvedic-upchar

Ayurvedic-upchar

Ayurvedic-upchar

Ayurvedic-upchar

Ayurvedic-upchar

Ayurvedic-upchar

07 दिसंबर 2015

Improve Your memory Power with easy Tricks & Tips in hindi

याददास्त 8  Best Tips To Improve Your Memory Power
Improve Your memory Power with easy Tricks & Tips in hindi
Brain
Brain







हम सबको कुदरत ने एक बेहतरीन तोह्फा, ब्रेन  के रूप में दिए है, जैसा की हम सब जानते है की दिमाग  हमारे जिश्म का सबसे मत्वपूर्ण हिस्साहै दिमाग (Brain) के सयता से हम छोटे से छोटे और कठिन से कठिन काम को भी  आसानी से कर सकतें है|
इन्सान का दिमाग (Brain) कई हिस्सों मे बंटा रहता है और हमारे सभी दिमागी हिस्से अपना अलग-अलग कार्य करते है. जैसे Thinking का काम, याद रखने का काम, हमारे शरीर को क्रिया करने के आदेश  देने वाले काम आदि सभी क्रियाए हमारे दिमागी निर्देशों को आधार पर होते है.
कुदरत ने सभी मनुष्यों को सोचने और समझने की कुवत बराबर दी है, मगर कुछ लोग इसका सहीं इस्तेमाल करते है और कुछ लोग इसका उपयोग सही तरीके से  नहीं कर पाते. यदि आपको भी किसी सुचना या काम को याद रखने में दिक्कत होती है Improve Your memory Power with easy Tricks & Tips  in hindi:-
1. We should understand – How Does Our Mind Work
हम सब का  दिमाग (Brain) मुख्य रूप से निम्नलिखित प्रकार से किसी भी सुचना को याद रखता है

Feelingअगर आप किसी भी तरह के सुचना को अपने दिल से जोड़ लेते है  तो आपका दिमाग (Brain) उसे Permanent Memory में रख लेता है , और वह वस्तु या उसका नाम, डिटेल्स और सूचनाएं आपको अधिक समय  तक याद रह सकती है. इसलिए यदि किसी भी Important बात या Information को यदि आपको याद रखना हो तो उसे अपनी Feeling के साथ जरूर जोड़ दे|
Watching & Hearing -   क्या आपने कभी सोचा है की कोई सवाल आपको घंटो याद करने के वावजूद भी पूरी तरह से याद नहीं रह पाता जबकि कोई फिल्म या टीवी का सीन आपको एक दम से और कई वर्षों बाद भी याद रहता है. इस बात से हमें  पता लगता है की Brain हमेशा दिखने और सुनाई पड़ने वाली सूचनाओं को जल्दी, आसानी और ज्यादा समय तक याद रख पता है.
2. Remember – Attach One Things with Another things
वैज्ञानिक के नजरिये से ये कहना है कि आपका दिमाग (Brain) उन चीज को आसानी से याद रख सकता है. जिसका लिंक आपके दिमाग (Brain) मे पहले मौजुद है और वह आपके दिमाग (Brain) मे पहले किसी भी रूप रक्षित है. आप जब भी किसी चीज को याद करें तो कोसिस  करें और उस चीज को आपकें दिमाग (Brain) से लिंक करने की कोशिश भी करें। इससे आपको चीजों को रिकॉल  करने मे काफी जायदा मदद मिल सकती है.
3. Better Night Deep Sleep Is better to  Boost Brain Memory Power
मानव मस्तिस्क  पर हुई रिसर्च के अनुसान ये माना जाता है कि अगर हम गहरी नींद लेते है तो हमारी memoryRemember Capacity और भी मजबुत और तेज़ हो जाती है. रात को सोते समय अपने पुरे दिन की आवश्यक और अनावश्यक  जानकारी , एक कंप्यूटर RAM के रूप में एकत्रित होती है. नींद लेने से हमारी RAM Memory आसानी से खाली हो जाती है और अगली सुबह दिमाग (Brain) Fresh हो जाता है. जिससे Brain को अपना काम सही तरीके से  कर पाने से किसी विशेष सुचना को याद रखने में आसानी होती है.
4. Increase Better  Memory Power from Morning Walk
 सुबह सुबह टहलने से मिलेगी अच्छी स्मृति शक्ति
वैज्ञानिको के शोध के अनुसार जो व्यक्ति नियमित रूप से सुबह सुबह  टहलने के लिए जाते है उनका सम्पूर्ण शरीर में शुद्ध ऑक्सीजन प्राप्त होती है, इसके कारण  दिमाग (Brain) का ब्लड प्रवाह बढता है। इससे हमारे दिमाग (Brain) की याद रखने की क्षमता भी बढती है|
5. Play Brain Games may Improve Brain Power
दिमाग वाला को खेले:-
आप ऐसे खेलों को ज्यादा खेले जिसमें दिमाग (Brain) का अधिक से अधिक इस्तेमाल हो, इस खेल से आपकेां यह फायदा होगा की आपकें सोचने और समझने की ताकत बढेगी और आपकें दिमाग (Brain) को जल्दी निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है|
6. Practice makes a man perfect
किसी चीज को याद रखने का अभ्यास करें:-
दिनभर मे हुए कार्यो के बारे मे हमेशा विचार करना चाहिए. इसके  दौरान आप किन-किन लोगों से मिले एव क्या काम हुआ  यह भी विचार करें। कमरे मे रखी सभी चीजों को एक बार जरूर देखे  फिर दूसरे कमरे या फिर कमरे से बाहर की ओर जा कर उन चीजों का याद करने की भी कोशिश करें और उन्हे कागज पर लिखने का प्रयास करें इससे आपके याद रखने की क्षमता को विकाश  किया जा सकता है।

अपने दिनचर्या मे किए गए कार्य को बार-बार दोहराए वैज्ञानिक तौर पर यह  देखा जाए तो किसी भी काम को  बार-बार दोहराने से आपका दिमाग (Brain) उस काम पर अपनी पकड सही बना लेता है। और वह उस काम को आसानी से बिना सेाचे और समझे आसानी से कर सकता है। और आपकेां उस काम को याद रखने की भी कोई जरूरत नहीं रहती है। अगर आपकेां किसी भी बात को याद रखना है उस बात अपने मन मे ही दोहराना शुरू  कर दे । याद करने की कोशिश करें कही यह बात आपके दिमाग (Brain) मे पहले से तो नहीं है। और अपनी दिमाग (Brain) की पुरानी मैमोरी से जोड़े और उसे महसुस करे जब आपका दिमाग (Brain) उस बात से पुरी तरह से परिचित हो जाएगा तो आप कभी भी दोहराई गई बातो को कभी नहीं भूलेंगे।
7. Healthy Food Help to Improve memory
हम एक उदाहरण के तौर पर कह सकते कि अगर आप अपनी गाडी में पेट्रोल की बजाय उसमें पानी डाले तो गाडी चलेगी नहीं इसी तरह  अगर हम अच्छा खाना  नहीं खायेंगे तो हमारा शरीर भी उसके खाने  के अनुसार ही काम करेगा ब्रेन  को तेज बनाने के लिए आपको अपने खान-पान पर जरूर ध्यान देना चाहिए। आपका  भोजन मे फल जैसे केला, सेब और गहरे हरें रंग की सब्जियां, अदरक, गाजर और टमाटर का सेवन करना बहुत जरूरी है। आपको अपने mem मेमोरी  को तेज करने के लिए काजू, बादाम, और अखरोट भी खाने चाहिए। अच्छी याददास्त  के लिए आप मिठाइयां और चोकलेट  भी खा सकते हैं।
8. Yoga Meditation can increase Brain Power
योग करने से आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य हेतु समाधान है. योग करने से शरीर के सभी अंग और हिस्से अपनी पूरी क्षमता से काम करते है. मैडिटेशन से एकाग्रता बढती है इससे दिमागी की शक्ति का विकास होता है और किसी भी सुचना आदि को याद में काफी सहायता मिलती है.


27 नवंबर 2015

Paralysis symptoms in hindi


लकवा (Paralysis) का आयुर्वेदिक उपचार
Paralysis symptoms
Paralysis symptoms



Paralysis symptoms in hindi
लकवा (Paralysis) को आयुर्वेद में पक्षाघात बीमारी भी कहते हैं। इस बीमारी में मरीज  के एक तरफ के सभी अंग काम करना बिलकुल बंद कर देते हैं जैसे बांए पैर या बाएं हाथ का कार्य न कर पाना। साथ ही इन अंगों की दिमाग तक चेतना पहुंचाना भी निष्क्रिय यानि बंद हो जाता है| और इस बीमारी की वजह से अंगों का टेढापन, जिश्म में गरमी की कमी, और कुछ याद रखने की क्रिया भी खत्म हो जाती है। आयुर्वेद में लकवा (Paralysis) के प्रभाव को कम करने के अनेक उपचार एव उपाय दिए गए हैं।
लकवा (Paralysis) से बचने के आयुवेर्दिक उपचार :

1.    नाशपाती, सेब और अंगूर का रस बराबर मात्रा में एक ग्लिास में मिला लें। और इसे मरीज को लगातार देते रहें। कुछ समय तक यह उपाय हर रोज करना है तभी फायदा मिलेगा।
2.    सौंठ और उड़द को पानी में मिलाकर हल्की आंच में गरम करके मरीज को हर रोज पिलाने से लकवा ठीक हो जाता है।

3.   कुछ दिनों तो रोज छुहारों को दूध में भिगोकर मरीज को देते रहने से लकवा (Paralysis) धीरे धीरे ठीक होने लगता है।
4.    एक चम्मच काली मिर्च को पीसकर उसे तीन चम्मच देशी घी में मिलाकर लेप बना लें और लकवा (Paralysis) ग्रस्त अंगों पर इसकी हर रोज मालिश करें। एैसा करने से लकवा (Paralysis) ग्रस्त अंगों का रोग जल्द दूर हो जाएगा।
5.    करेले की सब्जी या करेले का रस को हर रोज  खाने अथवा पीने से लकवा (Paralysis) से प्रभावित अंगों में सुधार होने लगता है। यह उपाय रोज करना चाहिए।

6.    प्याज खाते रहने से और प्याज का रस का सेवन करते रहने से लकवा (Paralysis) मरीज जल्द ठीक हो जाता है।
7.    6-7 कली लहसुन को पीसकर उसे 1 चम्मच मक्खन में अच्छे से मिला लें और रोज इसका सेवन करें। लकवा (Paralysis) में बहुत लाभ मीलता है
8.    तुलसी के पत्तों, दही और सेंधा नमक को अच्छे से मिलाकर उसका लेप करने से भी लकावा जल्द ठीक हो जाता है। ये उपाय आपको लंबे समय तक करना होगा।
9.    गरम पानी में तुलसी के पत्तों को उबालें और उसका भाप लकवा (Paralysis) ग्रस्ति अंगों को लगातार देते रहने से लकवा (Paralysis) ठीक होने लगता है।
10.   500 ग्राम सरसों के तेल में 50 ग्राम लहसुन डालकर लोहे की कड़ाही में ठीक से पका लें। जब पानी जल जाए उसे ठंडा होने दें फिर इस तेल को छानकर किसी एक डिब्बे में रख लें। और इस तेल से लकवा (Paralysis) वाले अंगों पर हर दिन 2 बार मालिश करें।
लकवा (Paralysis) का सही समय पर इलाज न होने से मरीज  एक अपंग  की जिंदगी जीने को मजबूर हो जाता है या तो दुसरे पर निर्भर हो जाता है इसलिए समय से पहले लकवा (Paralysis) जैसे गंभीर बीमारी का इलाज  कराना बहुत जरूरी है। आयुवेर्दिक तरीकों से लकवा (Paralysis) पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। ये उपाय लंबे समय तक लगातार करने से ही आपको फायदा देगा । इसलिए आपको धैर्य रखना बहुत जरूरी है।

25 नवंबर 2015

क्‍या होता हैं उच्च रक्तचाप (symptoms of high blood pressure)

उच्च रक्तचाप(High Blood Pressure)

High Blood Pressure
High Blood Pressure
मौसम के बदलने के साथ-साथ हमारी सेहत भी ख़राब होने लगती है। गर्मियों के मुकाबले सर्दियों में उच्च रक्तचाप(High Blood Pressure) की समस्या ज्यादा होती है। मौसम के बदलने के साथ-साथ आपका रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) भी बढ़ सकता है। गर्मियों में जहां आपका रक्तचाप अपेक्षाकृत कम ही रहता है, वहीं सर्दी के मौसम में रक्तचाप के बढ़ने का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है।

क्‍या होता हैं उच्च रक्तचाप (symptoms of high blood pressure)

उच्च रक्तचाप(High Blood Pressure) में आपकी धमनियों में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। दबाव बढ़ने की वजह से आपकी धमनियों में रक्त के बहाव को सामान्य बनाए रखने के लिए दिल को सामान्य से अधिक कार्य करने की जरुरत पड़ती है। रक्तचाप में सामान्यत: दो माप को शामिल किया जाता हैं। सिस्टोलिक और डायस्टोलिक नाम के ये दो माप ही इस बात पर खास निर्भर करते हैं कि आपके हृदय की मांसपेशिया संकुचित (सिस्टोल) हो रही है या फिर धड़कनों के मध्य का खिचाव मुक्त(डायस्टोल) हो रहा है। सामान्यत: आराम की अवस्था में   रक्तचाप 100-140 mmHg सिस्टोलिक (उच्च-रीडिंग में) और 60-90 mmHg डायस्टोलिक (निम्न-रीडिंग में) की सीमा के अन्दर होता है। यदि रक्तचाप  लगातार 90/140 mmHg पर या इसके ऊपर बना रहे, तो यह उच्‍च-रक्‍तचाप की श्रेणी में आता है।

मौसम का असर उच्च रक्तचाप पर

अमेरिका देश के कुछ शोधकर्ताओं ने एक शोध में यह खुलासा किया हैं कि मौसम के बदलने का सीधा संबंध हमारे ब्‍लड प्रेशर पर पड़ता है। वाशिंगटन शहर में  स्थित यूएस डिपार्टमेंट ऑफ वेटरन अफेयर्स मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने उच्च रक्तचाप(High Blood Pressure) के शिकार करीब साढ़े चार लाख लोगों पर शोध  किया। इस शोध में शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर आये कि अधिकतर सर्दी के मौसम  में लोगों का रक्तचाप सामान्य से बहुत ऊपर तक चला जाता है, क्योंकि इस मौसम में लोग नमक का सेवन भी अधिक करते हैं।

साथ ही इस मौसम में लोग आलस्य की अधिकता के कारण कसरत करना भी नहीं चाहते हैं। गर्मियों के मौसम में लोगों को खाने की इच्छा बहुत कम होती है और उनका वजन तेजी से घट जाता है। साथ ही कसरत करने के लिहाज से भी गर्मी का मौसम लोगों के लिए अनुकूल होता है। तो लोगो में उच्च रक्तचाप की शिकायत भी कम देखने को मिलते हैं|

23 नवंबर 2015

Home Remedies for Mouth Ulcer in Hindi

मुँह में छाले (Mouth Ulcer)

Mouth Ulcer
Mouth Ulcer
मुँह में छाले मुंह में विकसित होनेवाले तकलीफदेह जख्म होते हैं। ये  जख्म छोटे पर अत्यधिक पीड़ादायक होते हैं, और इनके विकसित होने के कई कारण होते हैं। यह जख्म मुँह के भीतर या मुँह के बाहर भी विकसित हो सकते हैं। जो जख्म मुँह के बाहर जैसे कि होठों के ऊपर विकसित होते हैं, उन्हें कोल्ड सोर्सके नाम से जाना जाता है, और यह हर्पिस वाइरस के कारण विकसित होते हैं। यह अत्यधिक संक्रामक होते हैं, और एक आदमी से दूसरे व्यक्ति में चूमने से स्थानांतरित हो जाते हैं। मुँह के भीतर के छाले को 'एफथस अल्सर' कहा जाता हैं।

मुँह में छाले होने के कारण (Reason for Mouth Ulcer )

आपके दांतों से अगर आपकी जीभ कट जाए या दांतों पर ब्रश करते समय मुँह में किसी चीज़ को काट लेने से मुँह में छाले हो जाते हैं। दांतों में लगे हुए गेलीस (ब्रेसिस) भी मुँह के छालों के कारण बन सकते हैं। एफथस अल्सर किसी मानसिक तनाव की वजह से भी हो सकता हैं

मुँह के छालों के घरेलू उपचार (Home Remedies for Mouth Ulcer)

Ø पान में उपयोग किया जानेवाला कोरा कत्था लगाने से मुँह में छालों से बहुत राहत मिलती है।
Ø सुहागा तथा शहद की बराबर मात्रा मिलाकर छालों पर लगाने से या मुलहठी के चूर्ण को चबाने से छालों  में लाभ होता है।
Ø मुँह के छालों में अगर त्रिफला की राख को शहद में मिलाकर लगाया जाए तो आराम मिलता है। अगर आप अपने थूक से मुँह भर जाने पर उससे कुल्ला करें तो छालों में राहत मिलती है ।
Ø दिन में चार-पांच बार पानी से गरारे करें।
Ø अपने मुँह में पानी भर ले  और अपने चेहरे को पानी से बार-बार धोएं।
Ø दिन में 3 या 4 बार घी या सफ़ेद मक्खन को थपथपाकर लगायें।
Ø नारियल के दूध या नारियल के तेल से गरारे करने से मुँह के छालों से राहत मिलती है।
Ø अलसी के  दानो को चबाने से मुँह के छालों में आराम मिलता है ।
Ø पके पपीते के क्षीर को छालों पर लगाने से राहत मिलती है।
Ø 3 ग्राम त्रिफला का चूर्ण, 3 ग्राम अधिमधुरम,  1 चमच्च शहद और 1 चमच्च घी मिलाकर छालों पर लगाने से  आराम मिलता है।
Ø तीखे और मसालेदार खाना खाने और दही या अचार का न करें ।
Ø मुँह में छाले कब्ज़ियत के कारण भी होते हैं| पेट को साफ़ रखे|
Ø मुंह के छालों पर अमृतधारा में शहद मिलाकर लगायें। 
Ø शहद में भुने हुए सुहागे  को मिलाकर लगाना भी लाभकारी है।
Ø मुनक्का, दालचीनी, दारुहल्दी, नीम की छाल और इन्द्रजौ को समान भाग के काढ़े में शहद मिलाकर पीना  भी लाभ देता है।
Ø आँवला के पेड़ की छाल को फिटकरी के साथ काढ़ा बनाकर सेवन करने से भी लाभ मिलता  है।
Ø नीम की दातुन भी छालों के उपचार में सहायता करता है।
Ø तम्बाकू बिलकुल न चबाये।
Ø दिन में दो बार दांतों की सफाई करें।
Ø हरी सब्जियों और फलों का सेवन भरपूर मात्रा में करें।
Ø मट्ठा पीने से मुंह के छालों से बहुत आराम मिलता है। 

 वैसे तो मुँह में छाले स्वयं ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन अगर वे एक सप्ताह से ज़्यादा जारी रहते हैं, या बार बार विकसित होते हैं तो तुरंत अपने चिकित्सक की सलाह लें।

20 नवंबर 2015

इन पौधों को घर में उगाने से स्‍वस्‍थ रहेगा आपका परिवार (Home Remedies Trees)



Home Remedies Trees

Tulsi-Garlic-Pudina-Dhaniya-Curry leaves Tree
Home Remedies Trees

ऐसा बहुत कम होता है की खूबसूरती और उपयोगिता दोनों साथ-साथ मिलें अगर मिल जाये तो क्या  कहना । अगर आप चाहते हैं की आपका घर और आपके परिवार खुशहाल और स्वास्थ्य रहे तो आपको कुछ खास पौधों को अपने घर में लगा सकते हैं। इन पौधों को घर में लगाने से आपको खूबसूरती के साथ मिलेगा सेहत का नायाब खजाना।

हमारे जीवन में पेड़ पौधों का बहुत ज्यादा महत्व है। इसलिए अक्सर लोग अपने घर में एक छोटा हिस्सा बागीचे के लिए जरूर रखते हैं। आजकल ज्यादातर घरों  में तरह तरह के फूलों के  पौधे लगाने का ज्यादा चलन है। इससे ना सिर्फ आपके परिवार एवं घर की सुंदरता बढ़ती है ब्लकि आपका परिवार  सेहतमंद व निरोग भी रहते हैं।

Home planting in hindi

आप अपने घर में आसानी से कई तरह के सेहतमंद छोटे छोटे पौधे भी उगा सकते हैं। जैसे तुलसी का पेड़ लगभग हर घर में मिलता है। ज्यदातर लोग पूजा करने के लिए तुलसी का पौधा लगाते हैं य कहीं कई रोगों से बचने के लिए इसे लगते है। तुलसी की ही तरह ऐसे कई पौधे हैं जो आपको सेहतमंद रखने में काफी मदद करते हैं। आइये हम जानें इन सेहतमंद पौधों के बारे में।


तुलसी

तुलसी एक ऐसा पौधा है जो ज्यादातर घरों के आंगन में पाया जाता है। इसको लगाने से आस पास का वातावरण साफ़ और कीटाणु रहित हो जाता है। इसके अलावा तुलसी वाली चाय पीने से सर्दी जुकाम में भी आराम मिलता है। इसका तेज एस्ट्रोन वाला स्वाद ताजगी भरी खुशबू आप को तनाव से उबारने में काफी मदद करती है।

 पुदीना

घर में पुदीना लगाना काफी ज्यादा फायदेमंद  होता है | पुदीना हाई और लो दोनों ही प्रकार के रक्तचाप (Bloodब्लडप्रेशर) को नियंत्रित करता है। इस रोग को कम करने के लिए पुदीने की चटनी और उसका रस का उपयोग किया जा सकता है। गर्मी में अक्सर लू लगने की समस्या हो जाती है ऐसे में पुदीने की चटनी को नियमित उपयोग करने से इसकी आशंका कम हो जाती है।

Home Remedies Tree in hindi
धनिया

सब्जियों का स्वाद व खूशबू बढ़ाने के लिए हरी धनिया का इस्तेमाल लगभग हर घर में किया जाता है। इसे आप अपने घर में भी आसानी से उगा सकते हैं। हरी धनिया थकान मिटाने में सहायक है। ये विटामिन ए से भरपूर धनिया मधुमेह में भी फायदेमंद है इसके उपयोग करने से रक्त में इंसुलिन की मात्रा नियंत्रित रहती है। इसके साथ ही यह शरीर में बैड कोलेस्ट्रोल की मात्रा घटाने और अच्छे कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ाने में भी बहुत लाभदायक है।

Curry leaves in hindi
करी पत्ता

करी पत्ते का ज्यादातर प्रयोग साउथ इंडियन खाने में किया करते  है। इसके सेवन  से खाने का स्वाद काफी बढ़ जाता है। दाल में तड़का लगाने के लिए या सांभर बनाने में करी पत्ते का अधिक किया जाता है। इसके अलावा यह डायबिटीज को नियंत्रित करने में भी काफी मदद करता है। डायबिटीज के मरीजों  को करी पत्‍ता जरूर खाना चाहिए।

Garlic Tree in hindi
लहसुन

क्या आप जानते है की लहसुन अपने आप में गुणों की खान है। भोजन में रोजाना लहसुन का इस्तेमाल करने से आप कई बिमारियों से दूर रह सकते हैं। यह एक तरह का ब्लड प्यूरीफायर है, जो खून  को साफ करता है। लहसुन कैंसर की आशंका को कम करने में भी काफी सहायक हो सकता है। इसके अलावा हाथ पैरों और जोड़ों के दर्द के लिए भी लहसुन काफी लाभदायक है।


हरियाली आपके घर का वातावरण को  भी खुशनुमा बनाने में मदद करती है। इसके साथ ही अगर सेहत का खजाना भी मिल जाए  तो कहना ही क्‍या। आप इन निरोगी अखने वाले पौधों को अपने घर पर उगा सकते हैं इससे आपको कई किस्म के फायदे मिलेंगे।